Saturday, February 20, 2010

मन की बात

आह! जो दिल से निकाली जायेगी
क्या समझते हो की खाली जायेगी
अकबर अल्लाहाबादी
प्रेषक कमलाकर मिश्र स्मृति संसथान बलिया उ. प.